Toll Free - 1800 120 2880

Events

आयुर्वेद सभी चिकित्सा पद्धतियों में सर्वश्रेष्ठः डा. वेदप्रकाश त्यागी
मेहनत से करें अपने सपने साकारः कुलाधिपति सचिन गुप्ता
संस्कृति आयुर्वेदिक मेडिकल कालेज में छात्र-छात्राओं का ओरिएंटेशन प्रोग्राम

संस्कृति आयुर्वेदिक मेडिकल कालेज में छात्र-छात्राओं का ओरिएंटेशन प्रोग्राम

मथुरा। प्यारे बच्चों आयुर्वेद सभी चिकित्सा पद्धतियों में सर्वश्रेष्ठ है। आज सिद्ध वैद्यों की भारत ही नहीं दुनिया भर में मांग है। यह आपके लिए खुशी की बात है कि संस्कृति विश्वविद्यालय प्रबंधन भारतीय चिकित्सा पद्धति को न केवल प्रमुखता दे रहा है बल्कि लगातार अच्छे शिक्षण संस्थाओं से बेहतर तालीम के लिए अनुबंध भी कर रहा है। यह बातें संस्कृति आयुर्वेदिक मेडिकल कालेज एण्ड हास्पिटल के ओरिएंटेशन प्रोग्राम में केन्द्रीय भारतीय चिकित्सा परिषद के पूर्व अध्यक्ष डा. वेदप्रकाश त्यागी ने छात्र-छात्राओं को सम्बोधित करते हुए कहीं। कार्यक्रम का शुभारम्भ मुख्य अतिथि डा. वेदप्रकाश त्यागी, कुलाधिपति सचिन गुप्ता, कुलपति डा. राणा सिंह, कार्यकारी निदेशक पी.सी. छाबड़ा, ओएसडी मीनाक्षी शर्मा, प्रिंसिपल संस्कृति यूनानी मेडिकल कालेज प्रो. (डा.) जावेद, प्रो. एम.एल. मिश्रा आदि ने मां सरस्वती की पूजा-अर्चना के बाद किया।

छात्र-छात्राओं को सम्बोधित करते हुए डा. त्यागी ने कहा कि हमारे देश में प्रतिभाओं की कमी नहीं है, इनमें आत्मविश्वास पैदा करने वालों की कमी जरूर नजर आती है। देश में 450 से अधिक आयुर्वेदिक मेडिकल कालेज एण्ड हास्पिटल चल रहे हैं लेकिन मैंने पठन-पाठन की जो व्यवस्थाएं संस्कृति आयुर्वेदिक मेडिकल कालेज एण्ड हास्पिटल में देखी हैं, ऐसी व्यवस्थाएं दूसरी जगह नजर नहीं आतीं। बच्चों आप प्रकृति और साधनम में दक्षता हासिल कर अपने समाज ही नहीं समूची दुनिया में भारतीय आयुर्वेद चिकित्सा का डंका बजा सकते हैं। एक सफल डाक्टर बनने के लिए आपमें आत्मविश्वास और संस्कृति तथा अंग्रेजी का ज्ञान बेहद जरूरी है। आयुर्वेद ही एकमात्र ऐसी चिकित्सा प्रणाली है, जिसमें हर बीमारी का निदान है।

इस अवसर पर कुलाधिपति सचिन गुप्ता ने छात्र-छात्राओं को सम्बोधित करते हुए कहा कि बच्चों आपके माता-पिता ने बड़े विश्वास के साथ आपको डाक्टर बनने के लिए भेजा है। आप दोस्त बनाएं, सपने देखें लेकिन अपने लक्ष्य और सपनों को साकार करने के लिए 10 गुना कड़ी मेहनत भी करें। आप पढ़ाई का प्लान बनाएं, अपने आप में सकारात्मक भाव पैदा कर एक सफल चिकित्सक बनने के साथ-साथ एक जवाबदेह इंसान भी बनें। आयुर्वेद को समझने के लिए आपको हर काम शिद्दत से करना होगा। हम आपको हर सुविधा मुहैया कराने को प्रतिबद्ध हैं। आप हर उस जगह शैक्षणिक भ्रमण को जाएं जहां आयुर्वेद को महत्व मिल रहा है या फिर शोध क्रियाएं सम्पन्न हो रही हैं।

कार्यकारी निदेशक पी.सी. छाबड़ा ने छात्र-छात्राओं से कहा कि वे नियमित पढ़ाई, छुट्टियों का सही सदुपयोग और नए आईडियाज सीखकर अपने आपको सफल साबित कर सकते हैं। अच्छा डाक्टर बनने के लिए आपको नियमित कक्षा में जाना होगा। पठन-पाठन की लम्बी योजना बनानी होगी। हम चाहते हैं कि आप लोग संस्कृति आयुर्वेदिक मेडिकल कालेज से योग्य डाक्टर के साथ अच्छे इंसान बनकर निकलो। इस अवसर पर ओएसडी मीनाक्षी शर्मा ने कहा कि बच्चों माता-पिता से दूर रहना तकलीफदेह जरूर होता है लेकिन हम अनुशासन, शिक्षण में प्रतिबद्धता, डाक्टर से आचरण को अमल में लाकर उन्हें खुश कर सकते हैं। संस्कृति आयुर्वेदिक मेडिकल कालेज शिक्षण संस्थान ही नहीं आपका परिवार है। यहां हम मिल-जुलकर अच्छी शिक्षा ग्रहण करें तथा व्यवहार से यह साबित करें कि हम समाज की सेवा का पाठ सीखने आए हैं। इस अवसर पर मोतीलाल मिश्रा ने कहा कि आयुर्वेद सभी चिकित्सा पैथी की जनक है और भगवान शंकर दुनिया के पहले सर्जन हैं। अपने स्वागत भाषण में कुलपति डा. राणा सिंह ने भारतीय चिकित्सा परिषद के पूर्व अध्यक्ष डा. वेदप्रकाश त्यागी के प्रयासों को सराहते हुए कहा कि आयुर्वेद चिकित्सा शिक्षा में उऩके योगदान से संस्कृति विश्वविद्यालय परिवार आह्लादित है। कार्यक्रम में प्रिंसिपल यूनानी प्रो. (डा.) जावेद अख्तर ने भी अपने विचार व्यक्त किए। कार्यक्रम का संचालन डा. सलोनी श्रीवास्तव ने किया।

Contact Us
Apply Now