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विश्वविद्यालय के 9वें स्थापना दिवस समारोह में हुईं अनेक रंगारंग प्रस्तुतियां
सम्मानित हुए अतिथि, पुरुस्कृत हुए प्रतिभावान छात्र छात्राएं

छाता(मथुरा)। वास्तुकला की सुंदरता बिखेरता संस्कृति विश्वविद्यालय सोमवार को अपने स्थापना दिवस समारोह पर जगमगा रहा था। मुख्य आयोजन स्थल के मंच से मुंबई के ख्यातिप्राप्त गायक तोषी साबरी और शारिब साबरी के सुर हवाओं में रूमानियत बिखेर रहे थे तो दूसरी ओर आकर्षक रैंप वाक करने वाले माडल खादी की सुंदरता को बता रहे थे। विश्वविद्यालय के छात्र-छात्राओं द्वारा भारत की विविध संस्कृति को अपने नृत्य और गायन से प्रस्तुत किय़ा।

दीप प्रज्ज्वलन के बाद विश्वविद्यालय के चेयरमैन सचिन गुप्ता ने कहा कि विश्वविद्यालय अपने शिक्षण-प्रशिक्षण के साथ उच्च आदर्शों को स्थापित करने लक्ष्य को लेकर आगे बढ़ रहा है। विश्वविद्यालय परिवार चाहे वे कुलपति हों, प्रोफेसर हों या लेक्चरर सभी अंतर्राष्ट्रीय जरूरतों और वर्तमान चुनौतियों के अनुरूप प्रोफेशनल तैयार करने में जुटे हैं। हमने कोशिश की है कि विद्यार्थियों को पढ़ाई के साथ-साथ रहने के लिए, पढ़ने के लिए अंतर्राष्ट्रीय स्तर का वातावरण मिले। हमारा लक्ष्य है कि बड़ी संख्या में ब्रज क्षेत्र की प्रतिभाएं देश का नाम दुनियां में ऊंचा करें। हमारा मानना है कि शिक्षा मानव के व्यक्तित्व निर्माण के साथ ही किसी भी मुल्क के विकास की आधार शिला है। भारत युवाओं का देश है, हमने इन युवाओं का उच्च श्रेणी और विश्व की वर्तमान मांग के अनुरूप कौशल विकास करने का संकल्प लिया है। विश्वविद्यालय ने व्यवसायिक क्षेत्र के विश्वस्तरीय मानक ध्यान में रखते हुए अपने पाठ्यक्रम तय किए हैं। यही वजह की उच्च शिक्षा और रोजगार हासिल करने की दिशा में विश्वविद्यालय के छात्र-छात्राओं ने कई कीर्तमान हासिल किए हैं। हमें अपनी शैक्षिक टीम पर भरोसा है कि वह विश्वद्यालय के लक्ष्य हासिल करेगी।

समारोह में उपस्थित विश्वविद्यालय के प्रति कुलाधिपति(प्रो चांसलर)राजेश गुप्ता ने विश्वविद्यालय के सभी छात्र-छात्राओं, शिक्षकों और कर्मचारियों को स्थापना दिवस की शुभकामनाएं देते हुए विश्वविद्यालय की उत्तरोत्तर प्रगति में उनके योगदान की सराहना की। उन्होंने कहा कि संस्कृति विश्वविद्यालय देश के अग्रणी विश्वविद्यालयों में आज जिस मुकाम पर पहुंचा है, उसमें आप सबका बड़ा योगदान है। हमने संकल्प किया है कि विश्वविद्यालय को विश्वस्तरीय दर्जा दिलाकर रहेंगे। आज विश्व के अनेक प्रमुख विश्वविद्यालयों से संस्कृति विश्वविद्यालय का शैक्षणिक करार हो चुका है। कई और करार होने बाकी हैं। हम चाहते हैं कि हमारे प्रतिभावान विद्यार्थी शिक्षा के किसी भी स्तर और अवसर से वंचित न हों। वे विदेश जाकर भी अध्ययन और शोध कर सकें।

विश्वविद्यालय के कुलपति डा. राणा सिंह ने स्थापना दिवस पर सभी डीन, फैकल्टी,छात्र और छात्राओं को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि आज का दिन हमें हर साल अपने संकल्पों को याद दिलाता है। संस्कृति विश्वविद्यालय ने बहुत ही कम समय में देश के अग्रणी निजी विश्वविद्यालयों में अपना स्थान बनाया है। ऐसा तभी संभव हो पाता है जब शिक्षा देने वाली सारी टीम और प्रशासन कंधे से कंधा मिलाकर लक्ष्य हासिल करने में जुटते हैं। हमारे यहां ज्ञान और कौशल दोनों ही दृष्टि से कुशल प्रोफेशन तैयार किए जा रहे हैं। इस मौके पर विशेष रूप से उपस्थित नाइजीरिया दूतावास के प्रथम सचिव मुस्तफा अबूबकर ने संस्कृति विश्वविद्यालय की शिक्षा व्यवस्था की भूरी-भूरी प्रशंसा करते हुए विश्वविद्यालय के चेयरमैन सचिन गुप्ता और शैक्षणिक टीम को शुभकामनाएं दी।

समारोह के दौरान छात्र-छात्राओं को उनके उत्कृष्ट कार्यों के लिए सम्मानित व पुरुस्कृत किया गया। इसी क्रम में मुंबई से आए ख्यातिप्राप्त गायक तोषी और शारिब साबरी ने अपनी सूफियाना गायकी से उपस्थित श्रोताओं का दिल जीत लिया। विद्यालय के छात्र-छात्राओं ने खादी के बने वस्त्र पहनकर रैंप वाक की। लोगों ने इस थीम को खूब सराहा। एकल गायन, समूह गायन, एकल नृत्य, समूह नृत्य का सिलसिला देर रात तक अनवरत चलता रहा।

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