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Food Festival at Sanskriti University by Students of Hotel Management

Food Festival at Sanskriti University by Students of Hotel Management See More

मथुरा। संस्कृति यूनिवर्सिटी के छात्र-छात्राएं शिक्षा ही नहीं पाक कला में भी किसी से कम नहीं हैं, इस बात की बानगी बुधवार को स्कूल ऑफ टूरिज्म एण्ड हास्पिलिटी में हुए पंजाबी Food Festival में देखने को मिली। पंजाबी खाने के शौकीनों ने लजीज व्यंजनों का न केवल स्वाद चखा बल्कि छात्र-छात्राओं के पाक कला की मुक्तकंठ से तारीफ भी की।

संस्कृति यूनिवर्सिटी के स्कूल ऑफ टूरिज्म एण्ड हास्पिलिटी के छात्र-छात्राओं ने बुधवार को पंजाबी Food Festival का आयोजन किया जिसमें उन्होंने पंजाबी लस्सी, पनीर गुलाबी, टिक्की चटपटी, मसालेदार आलू, सरसों दा साग, दाल पंजाबी, कढ़ी-पकौड़ा, फिरनी के अलावा अन्य लजीज पंजाबी पकवान तैयार किए। इन पकवानों को जिसने भी चखा, उसने छात्र-छात्राओं की पाक कला की जमकर तारीफ की। स्कूल आफ टूरिज्म एण्ड हास्पिलिटी के प्राध्यापकों पीयूष झा, संदीप बनर्जी, योगेश कुमार, रोहन धमीजा तथा आशीष गुप्ता की देखरेख में सुबह से ही छात्र-छात्राओं ने पंजाबी खाने का तड़का लगाना शुरू कर दिया था। विनीत शर्मा, सत्यम राय, पल्लवी शर्मा, फिरदोस प्रवीण, निमदेम, मुनफेद खान आदि ने संस्थान के पदाधिकारियों और अन्य संकाय के प्राध्यापकों का वेलकम किया वहीं संदीप, सूरज, नितीश, मणिकांत, आकाश सिंह, अभय कुमार, विवेक सिंह, गजेन्द्र और चंदन ने अतिथियों को लजीज व्यंजन परोसे।

छात्र-छात्राओं के हाथों से बनाए गए व्यंजनों का स्वाद कुलाधिपति सचिन गुप्ता, कार्यकारी निदेशक पी.सी. छाबड़ा, ओ.एस.डी. मीनाक्षी शर्मा, कुलपति डा. राणा सिंह आदि ने भी चखा। इस अवसर पर कुलाधिपति सचिन गुप्ता ने कहा कि भारत विभिन्न संस्कृतियों और खान-पान की अपनी खूबियों के चलते दुनिया भर में जाना जाता है। आज के समय में पाक कला का विशेष महत्व है। भोजन के साथ भाव का भी बहुत महत्व होता है क्योंकि इससे खाने वाले का मन संतुष्ट होता है। भोजन किस भावना के साथ बनाया गया, किस भाव और दुलार के साथ खिलाया गया, किस वातावरण तथा मनोभाव से भोजन ग्रहण किया गया आदि बातों का सीधा प्रभाव मन पर पड़ता है।

इस अवसर पर संस्थान के कार्यकारी निदेशक पी.सी. छाबड़ा ने कहा कि पंजाबी भोजन का अपना अलग ही महत्व है। वैसे भी भारतीय संस्कृति में हर खुशी की पहली अभिव्यक्ति भोजन ही होती है। जन्म, विवाह आदि से लेकर जीवन की हर खुशी पर खाना, दावत, पार्टी से आगे कोई अन्य अपेक्षा इसलिए नहीं रखताक्योंकि इसके साथ जीवन-शक्ति जुड़ी है। आज के समय में जो लोग पाक कला में दक्ष हैं उनकी देश-दुनिया में मांग है। यह कहने में जरा भी संकोच नहीं कि टूरिज्म एण्ड हास्पिलिटी मौज-मस्ती के साथ शानदार करियर भी है।

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