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संस्कृति यूनिवर्सिटी के छात्रों पर शिवानी लाक्स की मुहर
डिप्लोमा मैकेनिकल इंजीनियर बन संवारेंगे करियर

Concrete Steps to collaborate with industry experts to scale up capability

मथुरा। वर्ष 1988 से ग्लोबल मार्केट में अपनी गुणवत्तापूर्ण कार्यशैली के लिए प्रसिद्ध फरीदाबाद स्थित शिवानी लाक्स प्रा.लि. ने संस्कृति यूनिवर्सिटी के चार छात्रों राजीव, कुंवरपाल, योगेश कुमार और मनु शर्मा को डिप्लोमा इंजीनियर ट्रेनी के रूप में सेवा का अवसर प्रदान किया है। यह चारों छात्र संस्कृति यूनिवर्सिटी में डिप्लोमा मैकेनिकल इंजीनियरिंग की शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं।

ज्ञातव्य है कि शनिवार, दो फरवरी को फरीदाबाद स्थित शिवानी लाक्स प्रा.लि. के पदाधिकारियों ने संस्कृति यूनिवर्सिटी में कैम्पस प्लेसमेंट करने से पहले छात्र-छात्राओं को कम्पनी के कामकाज के साथ ही भविष्य की सम्भावनाओं पर विस्तार से जानकारी दी। सीनियर मैनेजर एच.आर. संजीव चौधरी ने छात्र-छात्राओं को बताया गया कि शिवानी लाक्स प्रा.लि. की देश भर में एक दर्जन यूनिटें काम कर रही हैं। कम्पनी पदाधिकारियों ने इसके बाद छात्र-छात्राओं की लिखित परीक्षा ली, इसके बाद साक्षात्कार लिया गया। संस्कृति यूनिवर्सिटी के छात्रों ने अपनी तकनीकी बौद्धिक क्षमता से कम्पनी के पदाधिकारियों को खासा प्रभावित किया। आखिरकार कम्पनी ने डिप्लोमा मैकेनिकल इंजीनियरिंग के राजीव, कुंवरपाल, योगेश कुमार और मनु शर्मा को डिप्लोमा इंजीनियर के रूप में सेवा का अवसर प्रदान किया। चयनित छात्रों ने कहा कि शिक्षा पूरी करने से पहले ही एक बड़ी कम्पनी में सेवा का अवसर मिलना हम सभी के लिए खुशी की बात है। छात्रों ने माना कि यह सब संस्कृति यूनिवर्सिटी में प्लेसमेंट पूर्व कराई जा रही तैयारियों का नतीजा है।

कुलाधिपति सचिन गुप्ता का कहना है कि उद्योग जगत की आवश्यकताओं को देखते हुए संस्कृति यूनिवर्सिटी ने छात्र-छात्राओं को कौशलपरक शिक्षा के क्षेत्र में दक्ष करने के लिए अपने शैक्षिक पाठ्यक्रम में आधुनिक टेक्निक और प्रोसेस को समाहित किया है। यहां के छात्र-छात्राओं को निरंतर मल्टीनेशनल कम्पनियों की कार्यप्रणाली को करीब से देखने के लिए शैक्षिक भ्रमण और ट्रेनिंग पर भेजा जाता है, यही वजह है कि वे किसी भी तरह की चुनौती का आसानी से सामना कर लेते हैं। श्री गुप्ता का कहना है कि संस्कृति यूनिवर्सिटी में तकनीकी शिक्षा के क्षेत्र में आगामी बीस वर्षों की एक प्रभावी नीति को दृष्टिगत रखते हुए काम किया जा रहा है। यहां छात्र-छात्राओं के लिए आधुनिक तकनीकी लैब, स्किल डेवलपमेंट विभाग, इंडस्ट्रियल ट्रेनिंग, रोबोटिक शिक्षा, इंटर्नशिप आदि का प्रावधान है।

उप-कुलाधिपति राजेश गुप्ता का कहना है कि टेक्निकल एज्यूकेशन संस्कृति यूनिवर्सिटी का सबसे मजबूत पक्ष है। यहां पारम्परिक इंजीनियरिंग डिग्री के अलावा आधुनिक कोर्सों पर भी फोकस किया गया है। संस्कृति यूनिवर्सिटी का उद्देश्य छात्र-छात्राओं को कौशलपरक शिक्षा में दक्ष करना है ताकि वे अपनी प्रतिभा के बूते राष्ट्रीय और बहुराष्ट्रीय कम्पनियों में सहजता से अपना करियर संवार सकें। खुशी की बात है कि संस्थान के छात्र लगातार बड़ी-बड़ी कम्पनियों में अपनी प्रतिभा से नौकरी हासिल कर रहे हैं। इस सत्र में संस्कृति यूनिवर्सिटी में कई राष्ट्रीय और बहुराष्ट्रीय कम्पनियां न केवल प्लेसमेंट को आईं बल्कि यहां के छात्र-छात्राओं की कुशाग्रबुद्धि से प्रेरित होकर उन्हें अच्छे पैकेज पर जॉब के अवसर भी मुहैया कराए हैं।

संस्थान के कुलपति डा. राणा सिंह का कहना है कि संस्कृति यूनिवर्सिटी में युवाओं के करियर को संवारने के लिए कई सारे ऑप्शंस पर ध्यान दिया जाता है। यहां छात्र-छात्राओं की क्रिएटिविटी के साथ उनमें टेक्निकल स्किल्स को शार्प कर इस लायक बना दिया जाता है कि वे किसी भी बड़ी कम्पनी में सहजता से जॉब हासिल कर सकें। हर प्रोफेशनल्स युवा अपनी क्रिएटिव और टेक्निकल स्किल्स के जरिए पैरों पर खड़ा हो, यही संस्कृति यूनिवर्सिटी का मूल उद्देश्य है। कार्यकारी निदेशक पी.सी. छाबड़ा, ओ.एस.डी. मीनाक्षी शर्मा, कुलपति डा. राणा सिंह, डीन इंजीनियरिंग डा. कल्याण कुमार, हेड कार्पोरेट रिलेशन आर.के. शर्मा, मैनेजर कार्पोरेट रिलेशन तान्या उपाध्याय ने चयनित छात्रों को बधाई देते हुए उज्ज्वल भविष्य की कामना की।

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