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विद्या की आराध्य देवी मां सरस्वती की पूजा-अर्चना कर मनी वसंत पंचमी
विद्या की आराध्य देवी मां सरस्वती की पूजा-अर्चना कर मनी वसंत पंचमी
मथुरा। रविवार को संस्कृति यूनिवर्सिटी के छात्र-छात्राओं और ओ.एस.डी. मीनाक्षी शर्मा व डीन स्टूडेंट वेलफेयर डा. ओ.पी. जसूजा ने विद्या की आराध्य देवी मां सरस्वती की पूजा-अर्चना कर वसंत पंचमी मनाई। इस अवसर पर पंडित ओमप्रकाश गौड़ ने छात्र-छात्राओं को नियमित पठन-पाठन का संकल्प दिलाया।
मां सरस्वती की पूजा-अर्चना के बाद ओ.एस.डी. मीनाक्षी शर्मा ने छात्र-छात्राओं को बताया कि वसंत पंचमी के दिन ही मां सरस्वती पृथ्वी पर प्रगट हुई थीं। माता सरस्वती ने पृथ्वी पर उदासी को खत्म कर सभी जीव-जंतुओं को वाणी दी थी। इसीलिए माता सरस्वती को ज्ञान-विज्ञान, संगीत, कला और बुद्धि की देवी माना जाता है। छात्र जीवन में मां सरस्वती का विशेष महत्व है लिहाजा सिर्फ एक दिन ही नहीं बल्कि हर दिन विद्या की आराध्य देवी का स्मरण कर पढ़ाई शुरू करनी चाहिए।
डा. ओ.पी. जसूजा ने विद्यार्थियों को बताया कि वसंत पंचमी के दिन मां सरस्वती की पूजा इसलिए की जाती है क्योंकि सृष्टि की रचना के बाद मां सरस्वती ने ही सभी जीवों को वाणी दी थी। माना जाता है कि सृष्टि के रचयिता ब्रह्मा ने जीवों और मनुष्यों की रचना की थी इसके बाद भी वह संतुष्ट नहीं थे क्योंकि पृथ्वी पर हर तरफ उदासी छाई हुई थी। तब ब्रह्माजी ने विष्णु भगवान की अनुमति लेकर अपने कमंडल से जल की कुछ बूंदें पृथ्वी पर छिड़कीं। ब्रह्माजी के कमंडल से धरती पर गिरने वाली बूंदों से एक प्राकट्य हुआ। यह प्राकट्य चार भुजाओं वाली देवी सरस्वती का था। मां सरस्वती के एक हाथ में वीणा थी तो दूसरा हाथ वर मुद्रा में था। इसके अलावा बाकी अन्य हाथों में पुस्तक और माला थी। इसके बाद मां सरस्वती की कृपा से मनुष्य और जीव-जंतुओं को वाणी का वरदान प्राप्त हुआ था।
पंडित ओमप्रकाश गौड़ ने छात्र-छात्राओं को बताया कि वसंत सभी छह ऋतुओं में श्रेष्ठ है। वसंत पंचमी को विद्यार्थी, लेखक और कलाकार सरस्वती देवी की प्रतिमा के सामने पुस्तकें, कलम और वाद्ययंत्र रखकर पूजा करते हैं। आज के दिन पीले वस्त्रों का विशेष महत्व है, यही वजह है कि आज के दिन लोग पीले वस्त्र धारण कर मंदिरों में पूजा-अर्चना करते हैं। पूजा के लिए पीले रंग के चावल, पीले लड्डू और केसर वाले दूध का इस्तेमाल किया जाना सर्वथा उपयुक्त माना जाता है। पूजा के लिए सफेद फूल, चन्दन, श्वेत वस्त्र से मां सरस्वती जी की पूजा करना अच्छा होता है। मां सरस्वती की पूजा-आराधना करने वालों में ओ.एस.डी. मीनाक्षी शर्मा, डीन स्टूडेंट वेलफेयर डा. ओ.पी. जसूजा, छात्र मुकेश शर्मा, अरुण कुमार सिंह, आयुष राय, शुभम, मनीष, आकाश दीक्षित, शुभम सिंह, आकाश कुमार, सौरभ कुमार, माधव सिंह, रौनक सिन्हा, अंकित सिन्हा, शोभित वर्मा, आयुष कुमार, शैलेन्द्र कुमार वर्मा, आनंद तिवारी, छात्रा अर्चना, मीनू, सोनी, चित्रा, अमृता आदि शामिल थे।