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संस्कृति विवि को केंद्र सरकार ने दी इन्क्युबेशन सेंटर खोलने की अनुमति

छात्र-छात्राओं को मिलेगा बड़ा लाभ

मथुरा। भारत सरकार के सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्योग मंत्रालय की उच्चस्तरीय समिति के अनुमोदन के पश्चात छाता स्थित संस्कृति विश्विविद्यालय में इन्क्युबेशन सेंटर खोलने की अनुमति मिल गई है। इंक्यूबेशन सेंटर बिजनेस स्किल्स सिखाने और रिस्क को कम करने का काम करते हैं। इस क्षेत्र में केंद्र सरकार द्वारा स्वीकृत यह पहला सेंटर होगा जिसकी मदद से छात्र-छात्राएं उद्यम से जुड़े अपने प्रोजेक्ट अनुमोदन के लिए भेज सकेंगे।

केंद्र सरकार द्वारा संस्कृति विवि को मिली इस उपलब्धि पर संस्कृति विवि के चांसलर सचिन गुप्ता ने हर्ष व्यक्त करते हुए कहा कि इसमें स्टार्टअप फाउंडर को एक्सपर्ट एडवाइज और गाइडेंस मिलती है। इंक्यूबेशन सेंटर्स की साख का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि बिजनेस की दुनिया में यह माना जाता है कि जिस आइडिया को इंक्यूबेशन सेंटर ने पास कर दिया, यकीनन उसमें पोंटेंशियल होगा। उन्होंने बताया कि अपने क्षेत्र में यह पहला सेंटर होगा जो छात्र-छात्राओं के प्रोजेक्ट के प्रस्ताव स्वीकृति हेतु भेज सकेगा।

संस्कृति विश्वविद्यालय के इंजीनियरिंग विभाग के डीन विंसेट बालू ने इन्क्युंबेशन सेंटर के बारे में विस्तृत जानकारी देते हुए बताया कि अपने प्रॉडक्ट या सर्विस को बेचने के लिए, मार्केट का अंदाजा लगाना बहुत जरूरी होता है। इसके बिना इंटरप्रेन्योर(उद्यमी) प्रोडक्ट बेचने की स्ट्रैटजी नहीं बना सकता है और न ही उसमें जरूरी बदलाव कर पाएगा। इसके लिए उसे इंक्यूबेशन सेंटर में मेंटॉर और एक्सपर्ट के साथ मिल कर मार्केट के मुताबिक प्रोडक्ट में सुधार अथवा बदलाव करने का कौशल मिलता है। यहां बिजनेस आइडिया में मार्केट के हिसाब से क्या चेंज किए जाने चाहिए, इसकी सही एडवाइज मिलती है।

बिजनेस में अपना नेटवर्क बढ़ाने के लिए कई जगह कॉन्टेक्ट बनाने की जरूरत होती है। इसमें अन्य इंटरप्रेन्योर्स, इंडस्ट्रियल बॉडी जैसे फिक्की, सीआईआई और कई बिजनेस हाउस में अपने संपर्क बनाने होते हैं। इनका इस्तेमाल बिजनेस को बढ़ाने के लिए किया जाता है। अक्सर बिजनेस न बढ़ने का एक बड़ा कारण होता है कि इंडस्ट्री में संपर्कों का न होना। यह दिक्कत यहां हल हो जाती है।

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