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यूनानी चिकित्सा कोर्स संवारेंगे युवाओं का भविष्य
- कुशल यूनानी चिकित्सा विशेषज्ञों का श्रेष्ठ संस्थान बना संस्कृति विश्वविद्यालय

यूनानी चिकित्सा कोर्स संवारेंगे युवाओं का भविष्य

मनुष्य का सबसे अनमोल धन उसका खुद का तन है। अगर किसी व्यक्ति को संपूर्ण संसार का धन मिल जाये और उसका शारीरिक स्वस्थ्य खराब हो तो जो भी उस व्यक्ति के पास धन-दौलत है तो वह उस धन का लाभ नहीं उठा सकेगा।

जबसे मनुष्य धरती पर आया है तब से वह धरती पर हो रहे परिवर्तनों से जूझ रहा है और प्रारंभिक काल से ही बीमारियों को दूर करने के लिए औषधियों की खोज करता रहा है। औषधियों को बनाने में विभिन्न प्रकार की पद्धतियों का प्रयोग करता रहा है। उन पद्धतियों में एक पद्धति है यूनानी चिकित्सा पद्धति। यूनानी चिकित्सा पद्धति को केवल यूनानी या हिकमत के नाम से भी पुकारा जाता है। भारत में 100 से अधिक यूनानी चिकित्सा विश्वविद्यालयों में इस पद्धति की शिक्षा प्रदान की जा रही है। दिन प्रतिदिन चिकित्सकों की लगातार बढ़ती मांग को ध्यान में रखते हुए

संस्कृति विश्वविद्यालय ने यूनानी चिकित्सा पद्धति में (बेचलर आॅफ यूनानी मेडिसिन एण्ड सर्जरी) बीयूएमएस कोर्स शुरू किया था। इसमें युवाआंे की संख्या लगातार बढ़ रही है। सीसीआईएम नई दिल्ली, आयुष मंत्रालय भारत सरकार, एवं उत्तर प्रदेश सरकार से मान्यता प्राप्त है।

सेन्ट्रल रिसर्च इंस्टीट्यूट फाॅर यूनानी मेडिसिन के अनुसार यूनानी चिकित्सा पद्धति से मलेरिया, हेपेटाइटिस बी और त्वचा संबंधी कई अन्य जटिल बीमारियों का उपचार करना संभव है। यूनानी चिकित्सा पद्धति यूनान से भारत आयी और इस चिकित्सा पद्धति के लाभ देखते हुए भारतीय चिकित्सकों ने इसे अपनाया।

यूनानी दवाएं एड्स के मरीजों में रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में भी कामयाब साबित हो रही हंै। यूनानी चिकित्सा एक प्राचीन चिकित्सा पद्धति है जो अब धीरे-धीरे लोकप्रिय हो रही है, और अफगानिस्तान, चीन, कनाडा, डेनमार्क, जर्मनी, फिनलैंड सहित करीब 20 देशों में स्थानीय नामों से इसकी पढ़ाई हो रही है। इसके भारत में प्रसार के चलते रोजगार और रोग निदान की संभावनाएं बहुत अधिक हैं।

यूनानी दवा और चिकित्सा पद्धति 12 से 13 वीं शताब्दी में भारत में पहुंची और मुगल काल में फली-फूली। यूनानी चिकित्सा पद्धति को एक उत्कृष्ट चिकित्सक हाकिम अजमल खान 1868-1927 ने भारत में प्रचारित-प्रसारित किया।

यूनानी की अवधारणा है कि शरीर अपनी स्व उपचार शक्ति के कारण स्वयं को फिर से जीवंत कर देता है। संस्कृति विवि का यूनानी मेडिकल कॉलेज और अस्पताल शांत वातावरण में स्थापित है। पाठ्यक्रमों की मांगों को पूरा करने के लिए योग्य फेकल्टी, अत्याधुनिक उपकरणों में एक्सरे, ईसीजी जैसे आधुनिक उपकरण मौजूद हैं। इलाज- बित- तदबीर और इसके अलावा प्रयोगशाला, वातानुकूलित कक्षा कक्ष, कम्प्यूटर कक्ष, आॅपरेशन थियेटर, औषधि पहचान के लिए औषधि वाटिका आदि स्थित हैं। अनुसंधान एवं विकास केंद्र के अलावा शिक्षण व चिकित्सा के लिए 100 बिस्तर वाला यूनानी अस्पताल है, जिसमें सभी विभाग और सुविधाएं हैं। विवि प्रबंधन संपूर्ण राष्ट्र की स्वास्थ्य रक्षा की चिंता और इसके समाधान की दिशा में प्रयत्नशील है।

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