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फूलों से मिलती है जीने की प्रेरणाः कुलाधिपति सचिन गुप्ता
संस्कृति विश्वविद्यालय में फ्लावर अरेजमेंट पर हुई वर्कशाप

मथुरा। वातावरण में खुशबू व सौंदर्य बिखेरते, मन को ताजगी और प्रसन्नता देते फूलों ने सदैव ही मानव मन को अपनी सरलता, सुकुमारता से आकर्षित किया है। फूलों से सुगंध, सुन्दरता और ताजगी के साथ ही जीवन जीने की प्रेरणा भी मिलती है लिहाजा हर छात्र-छात्रा को फूलों से नसीहत लेते हुए हमेशा प्रसन्न रहना चाहिए। प्रसन्नता स्वस्थ शरीर और मस्तिष्क के लिए जरूरी है उक्त विचार शनिवार को संस्कृति विश्वविद्यालय के स्कूल ऑफ मैनेजमेंट एण्ड हॉस्पिलिटी के छात्र-छात्राओं द्वारा आयोजित फ्लावर अरेजमेंट वर्कशाप को सम्बोधित करते हुए कुलाधिपति सचिन गुप्ता ने व्यक्त किए।

श्री गुप्ता ने कहा कि मानव का फूलों के प्रति आकर्षण अकारण नहीं है बल्कि इसके पीछे फूलों की नैसर्गिक प्रवृत्ति तथा उनसे मिलने वाली प्रसन्नता, सुगंध और प्रेरणा समाहित है। फूलों का भारतीय संस्कृति में वैज्ञानिक, सामाजिक और धार्मिक महत्व रहा है। फूलों का स्वागत-सत्कार और पूजा-पाठ के साथ ही औषधियों में भी विशेष महत्व है। आयुर्वेदिक चिकित्सा पद्धति में गुलाब के फूलों से गुलाब जल वर्षों से बनाया जा रहा है।

श्री गुप्ता ने कहा कि फूलों का महत्व तो सभी जानते हैं, अगर हम गम्भीरता से विचार करें तो हमें पता चलेगा की फूल हमें हंसने-मुस्कराने और जीवन जीने की कला भी सिखाते हैं। मनुष्य अपने जीवन में छोटी सी समस्या आने पर मुस्कान खो बैठता है जबकि फूल यह जानते हुए भी कि उनका जीवन अल्पकालिक है, अपनी जिन्दगी को पूरी खुशी के साथ जीते हैं लिहाजा फूलों से हमें जिन्दादिली, प्रेम और परोपकार की प्रेरणा लेनी चाहिए। श्री गुप्ता ने छात्र-छात्राओं की प्रशंसा करते हुए कहा कि सजावट में आप लोगों ने फूलों का जो संयोजन किया है, काबिलेतारीफ है, बेहतर होगा इस तरह के कार्य प्रतिदिन अमल में लाएं।

स्कूल ऑफ मैनेजमेंट एण्ड हॉस्पिलिटी के विभागाध्यक्ष आलोक प्रसाद, विमलेश सिंह, संकल्प परमार आदि द्वारा आयोजित फ्लावर अरेजमेंट वर्कशाप को सराहनीय प्रयास बताते हुए कुलपति डा. देवेन्द्र पाठक, ओएसडी मीनाक्षी शर्मा, एसोसिएट डीन एकेडमिक डा. संजीव कुमार सिंह आदि ने छात्र-छात्राओं को ऐसे कार्यक्रम नियमित तौर पर करते रहने की सलाह दी।

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